माझी...मीत मन का
मंगलवार, 24 अप्रैल 2012
दिन ढल चुका...
दिन ढल चुका पर रात अभी आई न थी
मौसम पर कभी ऐसी उदासी छाई न थी
आया तो था मिलने मुझसे दोस्त बनके
बातों में उसकी वो हौसलाअफ्जाई न थी
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