आइना और मेरी बातें...
आइना मुझे
मेरी तस्वीर दिखाता थक गया
मैं भी उसे
अपनी तकदीर बताता थक गया
कनबतियों में
गुजरी रात सारी साथ उसके
वो सुनता न
थका, मैं ही सुनाता थक
गया
साज जाने
छिडा बातों-बातों में ये कौन-सा
वो सो न सका, मैं ही गुनगुनाता थक
गया
पूछता था वो
बात उनकी साथ जो अब नहीं
वो पूछता न
थका, मैं ही बहलाता थक
गया
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