उसके इंतजार में
बेपरवाह-सी कट गई जिंदगी
कतरा-कतरा बही, लम्हा-लम्हा
बंट गई जिंदगी
अजीज करते रहे लंबी
उम्र की दुआएं मेरे लिए
किसी की खातिर फिर जाने
क्यूं घट गई जिंदगी
अरमान समंदर में न
दफनाऊं तो क्या करूं मैं
मिलते ही पलकें ख्वाबों
से लिपट गई जिंदगी
दायरों की कभी दयारों
ने हदबंदी नहीं की मेरे
अब उसी के ख्यालों
तक सिमट गई जिंदगी
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