सोमवार, 23 अप्रैल 2012

जिंदगी तेज चल...


जिंदगी तेज चल पर संभल कर चल
झूम के निकल और मचल कर चल
राहें चल पडेंगी खुद तेरे साथ सफर में
तू गमों के समंदर से निकल कर चल
आग का दरिया पानी-पानी हो जाएगा
तू जरा मिजाज अपना बदल कर चल
रंग बिखर जाएगा नजरों में हयात का
बेवजह की बातों में भी बहल कर चल

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