"पिता"
पिता, टहनी है, पत्ती है, फल है
पिता हैं तो जीवन ये सफल है
पिता, नीम है, पीपल है, बरगद है
जिसकी छाया में जीवन गदगद है
पिता, जीवन है, सांस है, आत्मा है
पिता, चारों धाम है, परमात्मा है
पिता, उपकार है, उपासना है, पुण्य है
पिता, गलतियों से गुणा होता शून्य है
पिता, ब्रह्मा है, विष्णु है, महेश है
पिता, मीठी भाषा है, सादा भेष है
पिता, वेद है, पुराण है, मंत्रों का जाप है
जिंदगी की वेदी में संस्कारों का ताप है
पिता, गीत है, संगीत है, राग है
पिता, सबके भीतर जलती आग है
पिता, वाणी है, पराक्रम है, चेतना है
पिता, इन शब्दों में बंधी संवेदना है
पिता, योग है, क्रिया है, ध्यान है
पिता, जीवन में सत्य का ज्ञान है
पिता, कुल है, गोत्र है, पहचान है
पिता, धरा पर नभ के भगवान है
पिता, क्रोध है, डांट है, फटकार है
पत्थर से मूर्ति बनाता शिल्पकार है
पिता, सत्युग है, द्वापर है, त्रेता है
पिता, कुछ कर गुजरने के प्रणेता है
पिता, मंदिर, मस्जिद, गिरिजा, गुरुद्वारा है
पिता, आकाश में टिमटिमाता तारा है
पिता, आरंभ है, केंद्र है, अंत है
पिता, सही राह दिखाता संत है
कबीर के दोहे, तुलसी की चौपाई, रसखान के गीत है
पिता, जीवन में हर हार के बाद मिलने वाली जीत है
पिता, भक्ति है, भावना है, आस्था है
पिता, मंजिल पर पहुंचाता रास्ता है
पिता, टहनी है, पत्ती है, फल है
पिता हैं तो जीवन ये सफल है
पिता, नीम है, पीपल है, बरगद है
जिसकी छाया में जीवन गदगद है
पिता, जीवन है, सांस है, आत्मा है
पिता, चारों धाम है, परमात्मा है
पिता, उपकार है, उपासना है, पुण्य है
पिता, गलतियों से गुणा होता शून्य है
पिता, ब्रह्मा है, विष्णु है, महेश है
पिता, मीठी भाषा है, सादा भेष है
पिता, वेद है, पुराण है, मंत्रों का जाप है
जिंदगी की वेदी में संस्कारों का ताप है
पिता, गीत है, संगीत है, राग है
पिता, सबके भीतर जलती आग है
पिता, वाणी है, पराक्रम है, चेतना है
पिता, इन शब्दों में बंधी संवेदना है
पिता, योग है, क्रिया है, ध्यान है
पिता, जीवन में सत्य का ज्ञान है
पिता, कुल है, गोत्र है, पहचान है
पिता, धरा पर नभ के भगवान है
पिता, क्रोध है, डांट है, फटकार है
पत्थर से मूर्ति बनाता शिल्पकार है
पिता, सत्युग है, द्वापर है, त्रेता है
पिता, कुछ कर गुजरने के प्रणेता है
पिता, मंदिर, मस्जिद, गिरिजा, गुरुद्वारा है
पिता, आकाश में टिमटिमाता तारा है
पिता, आरंभ है, केंद्र है, अंत है
पिता, सही राह दिखाता संत है
कबीर के दोहे, तुलसी की चौपाई, रसखान के गीत है
पिता, जीवन में हर हार के बाद मिलने वाली जीत है
पिता, भक्ति है, भावना है, आस्था है
पिता, मंजिल पर पहुंचाता रास्ता है
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